- प्रो. सॉव-ह-टुट बिहार के मगध विश्वविद्यालय में हैं कार्यरत्
- म्यान्मार के बारे में दी छात्रों को जानकारी
- थेरवाद बौद्ध धर्म का अभ्यास किया जाता है म्यान्मार में
म्यान्मार के अंतरराष्ट्रीय संबोधि संस्थान की प्रो. डॉ. संदार सॉव-ह-टुट ने सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के प्राध्यपकों और छात्रों और शोधार्थियों से भेंट की। डॉ सॉव-ह-टुट ने विश्वास जताया है कि म्यान्मार के अंतरराष्ट्रीय संबोधि संस्थान और सांची विश्वविद्यालय के बीच स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम तथा फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम को लेकर सहमति बन सकती है।
डॉ. सॉव-ह-टुट ने छात्रों से भेंट के दौरान बताया कि बिहार के मगध विश्वविद्यालय से अगर सहमति बनती है तो यहां पर स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रहे छात्र सांची विश्वविद्यालय में एम.ए, व अन्य पाठ्यक्रमों में सम्मिलित होकर लाभ उठा सकते हैं। डॉ. सॉव-ह-टुट ने सांची विवि के छात्रों को म्यान्मार में उच्च शिक्षा के स्तर के विषय में बताया।
सांची विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे विएतनामी छात्रों से मुलाकात के दौरान डॉ. सॉव-ह-टुट ने बताया कि म्यान्मार में बौद्ध दर्शन की शाखा थेरवाद का अभ्यास किया जाता है। शोध की गुणवत्ता के स्तर को कायम रखने के उद्देश्य से सांची विश्वविद्यालय में प्रत्येक वर्ष एम.ए,एम.फिल तथा पी.एच.डी के छात्रों का चयन प्रेवश परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से होता है। यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष जून-जुलाई माह में होती है। लेकिन विदेशी छात्रों को प्रवेश परीक्षा से छूट होती है, उन्हें सिर्फ साक्षात्कार परीक्षा में सम्मिलित होना होता है।
सांची वि.वि पी.एच.डी के प्रत्येक छात्र को रु.14000 प्रतिमाह तथा एम.फिल के प्रत्येक छात्र को रु.8000 प्रतिमाह की छात्रवृत्ति देता है। इसी तरह एम.ए के मेरिट पाने वाले छात्र को भी प्रत्येक माह रु. 3000 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
डॉ. सॉव-ह-टुट ने सांची विश्वविद्यालय में छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के बारे में जानकर काफी उत्साहित थीं। छात्रों तथा प्राध्यापकों के भेंट के उपरांत उन्होंने आशा जताई की बड़ी संख्या में म्यान्मार के छात्र सांची विश्वविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं।
डॉ. सॉव-ह-टुट म्यान्मार के अंतरराष्ट्रीय संबोधि संस्थान में कार्यरत् हैं और वर्तमान में बिहार बोधगया के मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध दर्शन विभाग में विज़िटिंग फैकल्टी के तौर पर सेवाएं दे रही हैं।