सांची विश्वविद्यालय में बुद्ध पूर्णिमा का आयोजन
- सुशासन पर महात्मा बुद्ध की शिक्षा और नियम पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान
- आज के विश्व को युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में महात्मा बुद्ध के 2567 वें जन्मदिन पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। सुशासन पर महात्मा बुद्ध की शिक्षा और सिद्धांत पर कल्याणी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो दिलीप कुमार मोहंता ने बुद्ध की शिक्षाओं की प्रांसगिकता समझाते हुए कहा कि बुद्ध आशा की किरण है। उन्होने कहा कि बुद्ध संपत्ति का समाज में बराबर वितरण के पक्षधर थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उद्धृत करते हुए डॉ मोहंता ने कहा कि दुनिया को युद्ध नही बुद्ध चाहिये।
बुद्ध की शिक्षा में लोककल्याण और आचरण की शुद्धता पर विशेष जोर देते हुए प्रो दिलीप कुमार मोहंता ने कहा कि भगवान बुद्ध का मध्यम मार्ग से ही दुनिया आगे बढ़ सकती है। डॉ मोहंता ने कहा कि भ्रष्टाचार के पीछे मूलतः तीन मुख्य कारण होते है जिनमें लोभ, द्वेष और मोह है। यदि इन तीन हेतुओं को हटा दिया जाये तो सुशासन स्थापित हो सकता है। उन्होने त्रिपिटक में उद्धृत चक्रवर्ती महासिंघनाद सूत्र में वर्णित सुशासन के सिद्धांत बताते हुए कहा कि राजा को लोककल्याण हेतु कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कैलाश जी ने कहा कि बुद्ध का जीवन समाज का जीवन है और उन्होने अपने व्यवहार से जीवन जीने की राह दिखाई है। कार्यक्रम के अध्यक्ष और कुलसचिव प्रो अलकेश चतुर्वेदी ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में मध्यममार्ग ही उचित है। अतिवाद और उदारवाद दोनों ही व्यवस्था लंबे समय में कारगर नहीं होती है।