27 फरवरी, 2023
7वें अंतरर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी राष्ट्रपति
· नए युग में मानववाद का सिद्धांत (Eastern Humanism in New Era) की थीम
· 15 देशों से 350 विद्वान, चिंतक, शोधार्थी । 5 देशों के मंत्रियों का विशेष सत्र
· 4 मुख्य सत्रों में 25 विद्वानों का संबोधन, 15 समानांतर सत्रों में 115 शोधपत्र
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और इंडिया फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 7वां अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। नए युग में मानववाद का सिद्धांत (Eastern Humanism in New Era) पर केंद्रित यह सम्मलेन दिनांक 03 से 05 मार्च 2023 तक कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार, भोपाल में होगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन माननीय राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिनांक 03 मार्च 2023 को दोपहर 12 बजे किया जाएगा। उद्गाटन समारोह में माननीय राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल , मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर एवं सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ नीरजा गुप्ता शामिल होंगे।
धर्म-धम्म के वैश्विव विचारों को एक मंच प्रदान करने वाले इस सम्मेलन में 15 देशों से 350 से अधिक विद्वान शामिल हो रहे हैं। इस बार भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरिशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन से सम्मेलन में सहभागिता है।
तीन दिन में 4 मुख्य सत्रों में 25 विद्वान अपने अपने विषय का निरुपण करेंगे। इसी दौरान 15 समानातंर सत्र भी होंगे जिनमें सम्मलेन की थीम नए युग में मानववाद का सिद्धांत (Eastern Humanism in New Era) पर केंद्रित 115 शोधपत्र पढ़े जाएंगे। इस बार के सम्मलेन में एक अनूठा मंत्री सत्र भी होगा जिसमें 5 देशों के मंत्री सांस्कृतिक सामंजस्य और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इस सत्र में भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के मंत्री शामिल होंगे।
कार्यक्रम की रुपरेखा व्यक्त करते हुए इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सह-अध्यक्ष और सांची विवि की कुलपति डॉ नीरजा गुप्ता ने बताया कि उक्त सम्मेलन भारत से प्रतिपादित मानवीय मूल्यों के वैश्विक असर को रेखांकित करता है। पश्चिम के देशों में भारतीय संस्कृति और दर्शन से प्रतिपादित सिंद्धातों के प्रति बहुत जिज्ञासा है और सांची विवि इसी दिशा में शोध और अध्ययन पर केंद्रित है।
कार्यक्रम के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति की जाएगी। इस दौरान जनजातीय नृत्य काआयोजन होगा । देश विदेश में प्रसिद्धि पा चुके मध्य प्रदेश की धूलिया जनजाति के गुदुंग बाजा का भी प्रदर्शन इस दौरान होगा। मां नर्मदा को समर्पित लोकगीतों की प्रस्तुति भी इस दौरान की जाएगी।