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सांची विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास से मना स्वतंत्रता दिवस

- कुलसचिव श्री अदिति कुमार त्रिपाठी ने किया ध्वजारोहण
- ऐष धर्म: सनातन्: है अशोक चक्र का संदेश
- सांची विश्वविद्यालय का भी सूत्र वाक्य है ऐष धर्म: सनातन्:
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री अमर सिंह ने दिया विशेष संदेश

सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के बारला अकादमिक परिसर में 72वें स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया गया। कुलसचिव श्री अदिति कुमार त्रिपाठी ने राष्ट्रध्वज फहराने के फहराने के बाद तिरंगे के तीनों रंगों की व्याख्या करते हुए बताया कि तिरंगे की सफेद पट्टी पर बना अशोक चक्र ऐष धर्म: सनातन्: का संदेश देता है जो कि सांची विश्वविद्यालय का भी सूत्र वाक्य है। उन्होंने कहा कि ऐष धर्म: सनातन्: देश वासियों को परस्पर सहानुभूति की शिक्षा देता है। जिसका मुख्य संदेश यह है कि बैर को बैर से समाप्त नहीं किया जा सकता बल्कि बैर(वैमनस्य) को मात्र प्रेम(अवैमनस्य)से ही खत्म किया जा सकता है और ऐष धर्म: सनातन: सांची विश्वविद्यालय का मूल सूत्र भी है। समारोह में मुख्य अतिथि 91 वर्ष के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री अमर सिंह जी ने कहा कि हमने आहूतियां देकर कीमत चुकाई है और आज़ादी के लिए खुदीराम बोस, अशफाकुल्ला, भगत सिंह इत्यादि ने बेहद संघर्ष किया है इसे हमें व्यर्थ नहीं गंवाना है। श्री अमर सिंह ने देश की आज़ादी के लिए क्रांतिकारियों के साथ विंध्य और बुंदेलखंड के इलाकों में संघर्ष किया था और आप इंदौर और भोपाल की जेल में अंग्रेज़ों द्वारा कैदी भी बनाए गए थे।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर ग्राम बिलारा के स्कूली बच्चों ने भी शिरकत कर विश्वविद्यालय में एक संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय द्वारा ग्राम बिलारा को गोद लिया गया है। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने भी राष्ट्रभक्ति से भरपूर गीतों को प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय के डीन डॉ नवीन मेहता ने बताया कि देश संस्कृत भाषा के मूल शब्ध दिशा से बना है। उन्होंने यह भी व्याख्यायित किया कि भारत शब्द भरत से बना है जिसका अर्थ अग्नि से है। भारत का एक अर्थ उन्होंने यह भी बताया कि जो ज्ञान में लीन हो। उनका कहना था कि अखंड भारत का उद्देश्य अध्यात्म और सांस्कृतिक रूप से संवृद्धि करना है। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक श्री हरीश चंद्रवंशी ने दिया एवं संचालन बौद्ध दर्शन विभाग के प्राध्यापक श्री मुकेश वर्मा ने किया।