जिसमे सोच, विचार, चिंतन मनन हो वही भाषा है- नवल शुक्ल
भाषा धरती पर मनुष्य का पहला औज़ार थी- नवल शुक्ल
सफल प्रतिभागी हुए पुरस्कृत, भित्ती पत्रिका 'पारमिता' भी जारी
साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्यन विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर हिंदी विभाग के ब्लॉग www.subishindi.blogspot.in की शुरुआत की गई। हिंदी विभाग के ब्लॉग पर विभाग एवं विवि के छात्र एवं कर्मचारियों के आलेख, कविताएं एवं अन्य जानकारी तथा हिंदी भाषा संबंधी रुचिपूर्ण लेख प्रकाशित किए जाएंगे। 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह के मुख्य अतिथि एवं साहित्यकार श्री नवल शुक्ल ने कहा कि जिस भाषा में चिंतन, मनन ,सोच और व्यवहार हो वहीं भाषा है। उनके मुताबिक भाषा मनुष्य के भावों को व्यक्त करने के लिए व्यक्ति का पहला औजार थी। श्री शुक्ल ने कहा कि चेतना का स्तर स्वभाषा से ही बेहतर होगा। उनके मुताबिक प्रयोगों से सिद्ध हो चुका है कि २०० शब्दों से व्यक्ति के संवाद का काम चल सकता है लेकिन भाषा व्यक्ति को विविधता और व्यापकता देती है। श्री शुक्ल ने विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की भित्ती पत्रिका 'पारमिता' को भी जारी किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी भाषा के सह प्राध्यापक प्रो नवीन मेहता ने कहा कि लोगों को चाहिए की वो भाषा को सीखे, समझे और भाषा के साथ स्वयं को भी उन्नत करें।
हिंदी सप्ताह के अवसर पर बारला स्थित अकादमिक परिसर में हिंदी भाषा पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। 12 सितंबर को निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता हुई वहीं 13 सिंतबर को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। मुख्य समारोह में कविता पाठ हुआ जिसमें छात्रों, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप किताब उपहार में दी गई।
जिन विजेताओं ने प्रथम पुरस्कार जीते उनके नाम निम्नानुसार हैं-
जिन विजेताओं ने प्रथम पुरस्कार जीते उनके नाम निम्नानुसार हैं-
निबंध प्रतियोगिता- उमाशंकर कौशिक, पीएचडी छात्र योग
पोस्टर प्रतियोगिता - भारत जैन, पीएचडी पैन्टिंग
भाषण - गौतम आर्य, एमए संस्कृत
कविता पाठ- स्नेहलता, पीएचडी पैन्टिंग