A- A A+

अपना पाठ्यक्रम स्वयं तय कर सकें छात्र

  • प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग ने किया विश्वविद्यालय का दौरा                                                                                                                                                            27.08.2020
  • सांची विश्वविद्यालय के नए सत्र के लिए जारी किए पाठ्यक्रमों के बारे में जाना
  • श्री शिव शेखर शुक्ला ने किया विश्वविद्यालय का दौरा
  • ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 सितंबर, 2020


मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय का दौरा किया। श्री शिव शेखर शुक्ला ने कुलसचिव श्री अदिति कुमार त्रिपाठी के साथ विश्वविद्यालय परिसर के भ्रमण के दौरान छात्रों तथा शिक्षकों से विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों और सुविधाओं की जानकारी ली। श्री शुक्ला ने छात्रावास, मैस, गेस्टहाउस, आवासीय क्वार्टर्स की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया।

विश्वविद्यालय के छात्रों से मुलाकात के पश्चात प्रमुख सचिव और विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति श्री शुक्ला ने केंद्रीय लाइब्रेरी में पुस्तकों के बारे में जानकारी ली। उन्होने विश्वविद्यालय प्राध्यपकों के साथ बैठक में अकादमिक गतिविधियों और विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किए गए नए पाठ्यक्रमों के बारे में जाना।

विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक सत्र 2020-21 की प्रवेश सूचना जारी की गई है और ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 21 सितंबर है। ऐसे में छात्र प्रवेश की प्रक्रिया, पीएचडी कोर्स के लिए गाइडलाइन्स इत्यादि के बारे में लगातार प्रश्न कर रहे हैं। विश्वविद्यालय द्वारा योग विज्ञान और भारतीय शिक्षा और समग्र विकास के दो पाठ्यक्रम अकादमिक सत्र 2020-21 से प्रारंभ किए जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों और प्रवेश के संबंध में कहा कि ऐसे प्रयास किए जाएं कि अधिक से अधिक छात्र ऑनलाइन प्रवेश के माध्यम से वि.वि के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लें। शिक्षकों के साथ की गई बैठक में श्री शुक्ल ने विश्वविद्यालय के विभन्न पाठ्यक्रमों को interdisciplinary बनाए जाने पर ज़ोर दिया। उनका कहना था कि किसी भी विश्वविद्यालयीन छात्र को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपनी रुचि के अनुसार अपना पाठ्यक्रम स्वयं ही तय कर सके। ऐसे में छात्र का मन पढ़ाई में लग सकेगा और भविष्य में वह अपने द्वारा चयनित विषयों पर आगे अपना करिअर तय कर सकता है। उन्होंने कहा कि मास्टर डिग्री में ही इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने की कार्रवाई की जाए। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता श्री ओ.पी बुधोलिया  एवं अन्य प्राध्यापकों ने आश्वासन दिलाया कि अगले प्रवेश सत्र  से interdisciplinary विषयों के तहत ही एडमिशन प्रक्रिया की जाएगी।