वैश्विक संकट का कारण मानवों काअहंकार
- धर्म मनुष्य को मनुष्य बनाने का तत्व है
- फेसबुक लाइव पर प्रो.रजनीश कुमार शुक्ल का व्याख्यान
- सांची विश्वविद्यालय द्वारा कराया जा रहा है लाइव व्याख्यान का आयोजन
- भारतीय जीवन मूल्य- धर्म, अर्थ और मोक्ष है
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के वैकल्पिक शिक्षा विभाग द्वारा 11 जून, 2020 गुरुवार को फेसबुक लाइव पर “भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति विमर्श” की लेक्चर सीरीज़ के तहत 20वां लेक्चर आयोजित किया गया। ‘भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्य’ विषय पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने व्याख्यान प्रस्तुत किया।
फेसबुक लाइव के माध्यम से ये व्याख्यान आयोजित किया गया। प्रो. शुक्ला का कहना था कि संस्कृति एक गत्यात्मक अवधारणा है जिसकी पहचान किया जाना आवश्यक है। उनका कहना था कि संस्कृति जीवनमान भूजैविक अवधारणा है, मनुष्य कृत नहीं है संस्कृति यह चिद्विलास है। उनका कहना था कि आनंद की उपलब्धि के लिए सोदेश्य सभ्यता संस्कृति है।
प्रो. शुक्ला का कहना था कि भारत में मूल्य की अवधारणा है। उनका कहना था कि धर्म उपासना नहीं है,यह मनुष्य को मनुष्य बनाने का तत्व है। सर्वोत्तम मूल्य ऋण से मुक्ति है।
उनका कहना था कि आज के वैश्विक संकट के पीछे मानवों का अहंकार है जिसने अपने सामने प्रकृति को तुच्छ समझनेकी भूल की। भारतीय जीवन मूल्य पुरुषार्थ के हिसाब से जीना है जो धर्म, अर्थ और मोक्ष है।
सांची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे इन व्याख्यान को फेसबुक लाइव पर देखा जा सकता है। इन लेक्चरों को देखने के लिए कृपया https://www.facebook.com/sanskriti.vimarsh/ लिंक पर क्लिक करें।
लाइव स्ट्रीम होने के बाद लेक्चर और “भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति विमर्श” व्याख्यानमाला के तहत आज दिनांक तक प्रस्तुत किए गए समस्त लेक्चर देखे जा सकते हैं।