03 मार्च, 2021
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय को मिली यूजीसी की 12-बी मान्यता
- यूजीसी से विभिन्न मदों में वित्तीय अनुदान मिल सकेगा
- 2(F)के बाद सांची विश्वविद्यालय को मिली 12-B मान्यता
- यूजीसी एवं केंद्रीय संस्थाओं से अनुदान मिलने का रास्ता खुला
- अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में और मेहनत करेंगे-कुलपति
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 12-बी की मान्यता प्रदान की गई है। 12-बी हेतु सांची विश्वविद्यालय के प्रस्ताव और उक्त संदर्भ में 16-17 जनवरी को यूजीसी विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर यूजीसी स्टेंडिंग कमेटी ने सांची विश्वविद्यालय को 12-बी जारी करने का निर्णय लिया। 18 फरवरी को यूजीसी की 550वीं बैठक में सांची विश्वविद्यालय को 12-बी मान्यता पर निर्णय हुआ।
सांची विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के नियम 12-बी की मान्यता प्राप्त होने से अकादमिक कार्यों, विभिन्न विभागीय शोध परियोजनाओं, नए अध्ययन केंद्र की स्थापना, विशेष अध्ययन पीठ हेतु आर्थिक सहायता मिल सकेगी। 12-बी एवं 2 एफ में पंजीकृत विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को यूजीसी संगोष्ठी एवं समारोह, लाइब्रेरी, शिक्षण एवं आधारभूत संरचना जैसे अलग-अलग मदों में वित्तीय अनुदान देता है। यूजीसी के अलावा केंद्र की अन्य संस्थाओं से भी सांची विश्वविद्यालय को वित्तीय एवं अलग-अलग मदों में सहायता मिल सकेगी। यूजीसी द्वारा संचालित शोधसिंधु डेटाबेस का लाभ भी 12-बी प्राप्त होने से मुफ्त में मिल सकेगा। शोध सिंधु में देशभर में हो रही शोध परियोजनाओं एवं जर्नल्स का डेटाबेस है।
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ नीरजा गुप्ता ने हर्ष जताते हुए कहा कि सांची विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु और ज्यादा मेहनत करेगा। डॉ गुप्ता ने कहा कि 12-बी प्राप्त होने से विश्वविद्यालय में सुविधाओं और शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस अवसर पर संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव और कुलपति रहे श्री शिव शेखर शुक्ला को विशेष धन्यवाद देते हुए छात्रों, अध्यापकों एवं स्टॉफ को उपलब्धि के साथ जुड़ी चुनौतियों के लिए अभी से जुट जाने का आव्हान किया। कुलपति महोदया ने यूजीसी द्वारा सांची विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द NAAC सर्टिफिकेट प्राप्त करने के पत्र पर कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है।
मध्य प्रदेश शासन संस्कृति मंत्रालय अंतर्गत वर्ष 2012 में गठित सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है। बौद्ध एवं भारतीय दर्शन के विभिन्न आयामों पर गहन शोध एवं उच्चस्तरीय अध्ययन के उद्देश्य से स्थापित सांची विश्वविद्यालय ने स्थापना के बाद से ही शोध और पुरातन विषय़ों के अध्ययन अध्यापन में अनूठी पहचान बनाई है।
Sanchi University of Buddhist-Indic Studies gets 12-B accreditation of UGC
- Financial grants will be available from UGC in various items
- Sanchi University got 12-B accreditation after 2 (F)
- Will work harder to achieve slated objectives - VC
Sanchi University of Buddhist-Indic Studies has been included by University Grant Commission (UGC) under Section 12 (B) of UGC act, 1956. Based on the proposal of Sanchi University for 12-B and the recommendation made by the UGC Expert Committee on 16-17 January in the above context, the UGC Standing Committee decided to issue 12-B to Sanchi University. The 550th meeting of the UGC on February 18 decided on 12-B recognition for Sanchi University of Buddhist-Indic Studies.
With 12(B), Sanchi University has been declared fit to receive UGC grant as central assistance. UGC Under Secretary Dr. Naresh Kumar Sharma has sent a letter to the university informing about the decision. UGC provides financial assistance to only those universities, colleges which are in its list under section 12(B) of the UGC act ,1965. Now Sanchi University will be eligible to get financial assistance from UGC for minor/major research projects, organizing seminars, posts of teachers under various schemes, new study centers and other facilities. Apart from UGC, Sanchi University will also be able to get financial and other assistance from other institutions of the Center. The benefit of Shodsindhu database operated by UGC will also be available for free by getting 12-B. Shodsindhu has a database of research projects and journals taking place across the country.
Expressing happiness over this achievement, the Vice Chancellor of the University Dr. Neerja Gupta said that Sanchi University will work harder to achieve its objectives. Dr. Gupta said that getting 12-B will help in further improving the facilities and quality of education in the University. On this occasion, she extended special thanks to Shri Sheo Shekhar Shukla, Principal Secretary of the Department of Culture and called upon the students, teachers and staff to join hands for the challenges associated with this achievement. Madam Vice Chancellor has directed the authorities to take action on the letter from UGC to Sanchi University to get NAAC certificate as soon as possible.
Sanchi University of Buddhist-Indic Studies, formed in the year 2012 under the Ministry of Culture, Government of Madhya Pradesh, is heading towards academic excellence. Established for the purpose of in-depth research and high-level study on various dimensions of Buddhist and Indian philosophy, Sanchi University has made a unique mark in research and teaching of ancient subjects since its inception.