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प्रवासी भारतीय दिवस - विदेशों में अब डिमांडिंग नही कमांडिंग फैक्टर बन रहे है प्रवासी भारतीय

                                                                                                                                                                                                                             07.01.2023

प्रवासी भारतीय दिवस - विदेशों में अब डिमांडिंग नही कमांडिंग फैक्टर बन रहे है प्रवासी भारतीय

$5 ट्रिलियन इकॉनमी में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर जुटे विश्वनिवासी

प्रवासी भारतीय दिवस की पूर्व संध्या पर सांची विवि और PIOCCI का संयुक्त सम्मेलन

*इंदौर।* आज विदेशों में भारतीयों को उच्च पदों पर देखकर सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हमें  भारतीयों को विदेशों में जाकर बसने को प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि जापान से लेकर यूरोप तक देश वर्कफोर्स की समस्या से जूझ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले 15 सालों में विश्व के हर बड़े देश के सर्वोच्च पदों पर भारतीय ही काम कर रहे होंगे क्योंकि विदेशों में अब डिमांडिंग नही कमांडिंग फैक्टर में आ रहे है भारतवासी । मध्यप्रदेश के विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने "5 बिलियन डॉलर इकोनॉमी में प्रवासी भारतीयों के योगदान" पर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह विचार व्यक्त किए। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और पीपल ऑफ इंडियन ओरिजन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इस समारोह में दुनियाभर से 150 से ज्यादा प्रवासी जुटे। उद्घाटन समारोह में संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को खूब सराहना मिली है। उन्होने देशी जीवन पद्धति, स्वदेशी परंपरा और ध्यान साधना के प्रति विश्व के बदलते नजरिए का भी उल्लेख किया। संस्कृति मंत्री ने कहा कि भारत में सारे मौसम होते हैं और सरकार नर्मदा परिक्रम, बौद्ध सर्किट , जानापाव में परशुराम जी के जन्मस्थान और कुक्षी में राहु की जन्मस्थली को भी अध्यात्मिक केंद्र के रुप में विकसित कर रही है।  

संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने शासन की संस्कृति आधारित महाकाल महालोक और ओंकारेश्वर में बन रही शंकराचार्य जी की प्रतिमा और उसपर आधारित आध्यात्मिक पर्यटन की जानकारी दी। उन्होने प्रवासियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर PIOCCI के सॉविनर का भी लोकार्पण किया गया।

सांची विवि की कुलपति डॉ नीरजा ए गुप्ता की पुस्तक हिंदू धर्म पर मोहनदास करमचंद गांधी के विचार और दृष्टिकोण का विमोचन उद्गाटन सत्र में किया गया। उद्घाटन समारोह में सांसद सुरेश प्रभु ने भारत की बढती हस्ती और इकॉनमी में प्रवासियों के योगदान पर चर्चा की। सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि हम सब धरती  मां की संतान है और भगवान कृष्ण के मुताबिक बिना ज्ञान के हम समृद्ध नहीं हो सकते। उन्होने कहा कि वैदिक संस्कृति पूरी दुनिया को संचालित करेगी। PIOCCI के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुशील पंडित ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, कला, संगीत और इतिहास को बचाना है, जिसके लिए हमें सिर्फ आपका पैसा नहीं बल्कि आपका समय चाहिए। उन्होने कश्मीर में खत्म हो गए संस्कृत के विद्वानों और पाकिस्तान अफगानिस्तान के उदाहरण से समझाया कि संस्कृति के प्रति सजग प्रयास करना जरुरी है। सुशील पंडितजी ने दुनियाभर में भारतीय संस्क़ृति, अध्यात्म, ज्ञान परंपरा और दर्शन के प्रति बढ़ती रूचि का भी उल्लेख किया।

प्रवासी भारतीयों के लिए सम्मेलन में सांची विवि की भूमिका पर बोलते हुए कुलपति डॉ नीरजा गुप्ता ने कहा कि उनके द्वारा प्रकाशित तीन रिसर्च पेपर ने सरकार को प्रवासियों संबंधी नीति बनाने में सहयोग किया। हॉलिडे मैरिज, केरल की महिला नर्स और टीचर्स और पीओआई कार्ड से जुड़े विषयों पर गहन शोध के बाद प्रकाशित व्हाइट पेपर के बाद सरकार ने नीति में उपयोगी बदलाव किए और आज ओसीआई कार्ड एक बड़ा सिस्टम बन गया है। जब तक हम प्रवासियों को इमोशनल अपने देश से नहीं जोड़ेंगे तब तक हम देश के विकास में उनके योगदान की उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं।  

समापन समारोह में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने डॉ नीरजा गुप्ता की पुस्तक Role of Indian Diaspora in struggle for Freedom of India और डॉ अमन सिंह महाराज की किताब A Dalliance with Destiny का लोकार्पण किया। विदेश राज्यमंत्री ने प्रवासियों के लिए भारत सरकार के प्रयासों की जानकारी दी और दुनियाभर में बढ़ती भारत की भूमिका का उल्लेख किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव अलकेश चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

*शास्त्रीय संगीत को बचाने की गुहार*

सम्मेलन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खा साहब की दत्तक पुत्री पद्मश्री शोमा घोष  ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को बचाने के लिए प्रवासियों से सहायता मांगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश विश्वविद्यालयों के संगीत विभाग बजट की कमी से जूझ रहे हैं। यदि उन्हें उचित फंडिंग मिलती है तो यहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बड़े कलाकार आकर संगीत की शिक्षा दे पाएंगे। उन्होने संगीत के पूरे इतिहास को भी समझाया। सोमनाथ, अयोध्या और केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थलों का पुर्नरूद्धार करने वाले ओजस हिरानी ने भारतभर में संस्कृति और इतिहास से जुड़े बड़े प्रोजेक्टस की जानकारी दी जिसमें अयोध्या का संग्रहालय और कई सांस्कृतिक कॉरिडोर शामिल है। उन्होने श्रावस्ती, रायगढ़ और कुशीनगर के पूरे नए मास्टर प्लान की भी जानकारी दी। रिलायंस के मीडिया प्रेसिडेंट श्री उमेश उपाध्याय ने कहा 300 साल पहले दुनिया के जीडीपी का 30 प्रतिशत भारत से आता था। विश्व व्यापार में 25 प्रतिशत की हमारी भागीदारी अब फिर से बढ़ने लगी है। पद्श्री विष्णु पंड्या ने मध्यप्रदेश और गुजरात के संबंधों को उकेरते हुए प्रवासियों के लिए विस्मृति के अभिशाप से बढ़कर समृद्धि के वरदान के रूप में प्रवासियों की भूमिका पर बात की । उन्होने प्रवासी भारतीयों के लिए नया शब्द विश्वनिवासी का भी उपयोग किया। सांची विवि के कुलसचिव प्रोफेसर अलकेश चतुर्वेदी ने पुरातात्विक साक्ष्यों के साथ दुनियाभर में फैली सनातन संस्कृति और प्रवास संबंधी शोध प्रस्तुत किया।

*पर्यटन और अध्यात्म का स्कोप जैसे विषयों पर हुई चर्चा* 

इस एकदिवसीय सत्र में आध्यात्मिक कॉरिडोर, सांस्कृतिक विरासत, मध्यप्रदेश का बौद्धिस्ट सर्किट, मीडिया और प्रवासियों का भारतविकास यात्रा में योगदान और भारत की बहुलतावादी संस्कृति में पर्यटन और अध्यात्म का स्कोप जैसे विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के अतिथियों में ब्रिटेन से सांसद वीरेंदर शर्मा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, PIOCCI के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राजकुमार भाटिया, REDIO की सीईओ धनश्री पाटील, ऑस्ट्रेलिया से अमित नंदलास्कर, फ्रांस से श्री राजाराम मोहन मनुस्वामी, ओमान से एपी अंबलावनन, पद्मश्री विष्णु पंड्या, पद्श्री शोमा दास, यूएई से श्री एस वेंकटेश, नाइजीरिया से श्री संजय श्रीवास्तव जैसे अनेक प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय शामिल हुए। इन्वेस्ट इंडिया की सीओओ प्रिया रावत ने प्रवासियों को भारत में निवेश करने और सरकारी की नीतियों से अवगत कराया। उन्होने सभी प्रकार की मदद करने का आश्वासन भी दिया।

मध्यप्रदेश के संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय सनातन और बौद्ध दर्शन पर केंद्रित अनूठा विश्वविद्यालय है जो प्राचीन भारतीय ज्ञान संस्कृति और शोध की परंपरा को पुनर्जीवित करने का अनुष्ठान कर रहा है। पीपल ऑफ इंडियन ओरिजन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री प्रवासी भारतीयों और भारत सरकार के बीच एक सेतु का कार्य करती है और प्रवासियों को निवेश, सहयोग एवं अन्य प्रकार से सहयोग करती है। PIOCCI  भारतीय सरकार के बीच अपनी पहुंच और तंत्र की गहरी समझ के भरोसे भारतीय डायस्पोरा के समक्ष चुनौतियों को दूर करने में उपयोग करती है।