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सांची विश्वविद्यालय में चेस ओलंपियाड मशाल का भव्य स्वागत 04.07.2022

                                                                                                                                                                                                                             04.07.2022

                                             सांची विश्वविद्यालय में चेस ओलंपियाड मशाल का भव्य स्वागत

  • शतरंज खेल के प्रति जागरूकता हेतु विशेष कार्यक्रम
  • 44वें चेस ओलंपियाड के लिए टॉर्च रिले
  • भारत कर रहा है पहली बार चेस ओलंपियाड की मेज़बानी
  • ऑल इंडिया चेस फेडरेशन तमिलनाडु को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
  • उज्जैन, इंदौर, भोपाल होते हुए सांची पहुंची मशाल
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में आज चेस ओलंपियाड टॉर्च रिले का ज़बरदस्त स्वागत किया गया। सांची स्तूप पर पहुंचने के बाद टॉर्च रिले में शामिल चेस प्लेयर्स ने विश्ववविद्यालय ऑडिटोरियम में चेस के खेल के टिप्स देकर सभी का अभिनंदन किया। रायसेन ज़िला कलेक्टर श्री अरविंद दुबे, ज़िला पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल और सांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अल्केश चतुर्वेदी ने स्कूल के बच्चों के साथ चेस भी खेला।
शतरंज खेल में जागरूकता लाने के उद्देश्य से आज़ादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत देश के प्रतिष्ठित 75 स्थानों पर इस टॉर्च को ले जाया जा रहा है। इन्हीं में से एक सांची भी है। देश में शतरंज के खेल के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के मकसद से पहली बार चेस ओलंपियाड के लिए टॉर्च रिले का आयोजन किया जा रहा है जैसा कि हर चार साल में होने वाले ओलंपिक या एशियाई खेलों के लिए किया जाता है।
इसी कड़ी में आज ये टॉर्च उज्जैन, इंदौर व भोपाल होते हुए सांची पहुंचीं। विश्व ऐतिहासिक स्थल सांची स्तूप पर मशाल पहुंचाने के बाद म.प्र चेस एसोसिएशन के खिलाड़ी इसे सांची स्थित सांची विश्वविद्यालय परिसर लेकर पहुंचे जहां मशाल का भव्य स्वागत किया गया।  
वर्ल्ड चेस फेडरेशन द्वारा चवालीसवें चेस ओलंपियाड का आयोजन पहली बार भारत में किया जा रहा है। इस चेस ओलंपियाड को भारत के विभिन्न ज़िलों में आयोजित करने के उद्देश्य से ये ज़िम्मेदारी ऑल इंडिया चेस फेडरेशन, तमिलनाडु को सौंपी गई है। चेस ओलंपियाड की शुरुआत 1927 में की गई थी।
वर्ल्ड चेस फेडरेशन(FIDE) ने भारत में आयोजित होने वाले ईवेंट के लिए Chess Olympiad Torch Relay को भी करने का निर्णय लिया गया था। चेस ओलंपियाड टॉर्च रिले का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 जून को दिल्ली के आई.जी स्टेडियम में किया गया था।
अंत में इस टॉर्च रिले को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थापित किया जाएगा जहां पर 188 देशों के 2000 प्रतिभागी चेस ओलंपियाड में शामिल हो रहे हैं।
म.प्र चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गुरमीत सिंह और उनकी पत्नी का भी सांची विश्वविद्यालय में भव्य स्वागत किया गया। ज़िला कलेक्टर श्री अरविंद दुबे ने उन्हें मशाल सौंपी। श्री गुरमीत सिंह और उनकी पत्नी प्रदेश के लोगों को चेस खेलने के गुर सिखाते हैं। वे ऑनलाइन भी मुफ्त लोगों को शतरंज की चालें सिखाते हैं।
ज़िला कलेक्टर श्री अरविंद दुबे ने कहा कि चेस की शुरुआत भारत से ही हुई थी। दुनिया में जहां भी चेस ओलंपियाड होगा वहां पर हर बार यह मशाल भारत के द्वारा भेजी जाएगी। उनका कहना था कि चेस खेलने से आई.क्यू बढ़ता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अल्केश चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वनाथन आनंद 8 बार शतरंज के विश्व विजेता रहे हैं और इस प्रकार के  प्रयासों से देश में और भी विश्वनाथन आनंद के स्तर के चेस खिलाड़ी पैदा होंगे।
टॉर्च रिले टीम मशाल के साथ झांसी रवाना हो गई।