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भारतीयों को भारतीयता की जड़ों से बांधेगी नई शिक्षा नीति

दिनांक 02.10.2020

  • सांची विश्वविद्यालय के भारतीय दर्शन विभाग द्वारा ऑनलाइन सेमिनार आयोजित
  • स्वतंत्र एवं आत्मनिर्भर नागरिकों का निर्माण करेगी नई शिक्षा नीति
  • ज्ञान-समाज का पथ प्रदर्शन होगा नई शिक्षा नीति से


सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं भारतीय मानस का वि-औपनिवेशिकरण विषय पर ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार में डॉ हरिसिंह गौर सागर के दर्शनशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. अंबिका दत्त शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति ही भारतीयों को भारतीयता की जड़ों में बांधे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उनका कहना था कि यह दरअसल वि-औपनिवेशीकरण है क्योंकि अपनी जड़ों से अलग हो जाना औपनिवेशिकरण होता है।

डॉ शर्मा का कहना था कि यह नई शिक्षा नीति सीखने, करने और होने को प्रोत्साहित करती है तथा इससे स्वतंत्र एवं आत्मिर्भर नागरिकों का निर्माण संभव होगा। उनका कहना था कि यह मानविकी और विज्ञान के विषयों कोआपस में जोड़कर परिपूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करती है। डॉ. अंबिका दत्त शर्मा ने कहा कि यह त्रि-भाषा फॉर्मूले के द्वारा भाषा की समस्या को हल करती है। इसमें मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा एवं राष्ट्रभाषा की शिक्षा एवं समाज में क्रमबद्ध भूमिका है। यह शिक्षा नीति व्यक्ति को भारत के सांस्कृतिक इतिहास, राष्ट्र एवं भाषा से जोड़कर उसके विखंडन को रोककर वि-औपनिवेशीकरण की प्रक्रिया को सुदृण करती है।

इस ऑनलाइन सेमिनार में विश्वविद्यालय के भारतीय दर्शन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. नवीन दीक्षित ने कहा कि इस शिक्षानीति से ज्ञान-समाज का पथ प्रदर्शन होगा और राष्ट्र अपने जीवन मूल्यों का आश्रय लेकर प्रगति करेगा।

सांची विश्वविद्यालय के भारतीय दर्शन विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. ओ.पी. बुधोलिया ने विषय प्रवर्तन में व्यक्तिके निर्माण को शिक्षा का उद्देश्य निरूपित किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सरोजिनी महाविद्यालय भोपाल के दर्शनशास्त्र विभाग के प्राध्यापक प्रो. प्रदीप खरे ने इस शिक्षा नीति को फलात्मक दृष्टि से अधिक उपयोगी माना। उनका कहना था कि इस नई शिक्षा नीति से उन लोगों को बड़ा लाभ होगा जो किसी कारण से बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं वे बाद में इसे पूर्ण कर सकते हैं।